काँटों की डगर भी उनके लिए, फूलों की सवारी होती है.
बचपन से जिनके कांधों पर, पड़ी ज़िम्मेदारी होती है.
सच्चाई तो सीधे साधे से लहजे में बयां हो जाती है.
एक झूठी कहानी कहने में अक्सर दुशवारी होती है.
सर कट जाने के डर से क्यों, सब सर को झुकाए बैठे हैं?
सुनते थे, एहले हिंद को इज्ज़त,जान से प्यारी होती है.
अपनी सारी रातें और दिन, कुर्बान करूँ फिर भी कम है,
उस रात पे जो एक फौजी ने , सरहद पे गुजारी होती है.
पूछा जो किसी ने "नूर" से के "ऊपर से तुम्हें क्या मिलता है?"
हंस के बोले - ऊपर से तो, भारी बमबारी होती है.